Tuesday, August 24, 2010

आज नहीं,अपने वर्षों बाद शायद पा सकूँ वह विशेष संवेदना जिसमें उचित हूँ ।मुझे सोचता हुआ कोई इंसान ,मुझे प्यार करती हुई कोई स्त्री ,जब मुझे समझेंगे-ताना नहीं देँगे;जब मैं उन्हें नहीं-वे मुझे पाएँगे,तब मुझे जीवन मिलेगा....तब तक अपरिचित हूँ ।- कुँवर नारायण ।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More

 
Design by Free WordPress Themes | Bloggerized by Lasantha - Premium Blogger Themes | GreenGeeks Review