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Thursday, April 29, 2010
दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ
11:31 PM
Sandip Naik
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यूँही ही हमेशा जुल्म से उलझती रही है खल्क( जनता)
न उनकी रस्म नयी है न अपनी रीत नयी
यूँही हमेशा खिलाये है हमने आग में फूल
न उनकी हार नयी है न अपनी जीत नयी
फैज़ अहमद फैज़
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