skip to main
|
skip to sidebar
Home
अपूर्व मोह
Home
Business
Internet
Market
Stock
Downloads
Dvd
Games
Software
Office
Parent Category
Child Category 1
Sub Child Category 1
Sub Child Category 2
Sub Child Category 3
Child Category 2
Child Category 3
Child Category 4
Featured
Health
Childcare
Doctors
music
politics
Uncategorized
Thursday, April 29, 2010
दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ
11:31 PM
Sandip Naik
No comments
यूँही ही हमेशा जुल्म से उलझती रही है खल्क( जनता)
न उनकी रस्म नयी है न अपनी रीत नयी
यूँही हमेशा खिलाये है हमने आग में फूल
न उनकी हार नयी है न अपनी जीत नयी
फैज़ अहमद फैज़
Read more »
3:15 AM
Sandip Naik
No comments
ये ब्लोग सिर्फ मेरे अपने लिये है तकि मे व्यक्त कर सकू सारे विचार और अपनी भावनाये.......
उम्मीद करता हू कि जैसा पहले लिखा था वैसे ही अभी भी लिख पाउंगा और कुछ बेहतर कर पाउंगा
आमीन!!!!!!!!!!!!!
Read more »
Newer Posts
Home
Popular Posts
(no title)
आज नहीं,अपने वर्षों बाद शायद पा सकूँ वह विशेष संवेदना जिसमें उचित हूँ ।मुझे सोचता हुआ कोई इंसान ,मुझे प्यार करती हुई कोई स्त्री ,जब मुझे समझ...
ज्वरग्रस्त कवि का प्रलाप
किसी गृहवधू द्वारा धूप में कुंए की मुंडेर पर विस्मृत कांसे के कलश जैसा मैं तप रहा हूँ, देवि यह ज्वर जो किसी पंहसुल सा पंसलियों में फँसा है....
(no title)
कठिनाइयो से रीता जीवन मेरे लिए नहीं, नहीं, मेरे तूफानी मन को यह स्वीकार नहीं. मुझे तो चाहिए एक महान लक्ष्य और, उसके लिए उम्रभर संघर्षो का अट...
An IDEA has Changed Many Lives
An IDEA has Changed Many Lives This was another scholarship distribution day was in Eklera. The third year and the children who have go...
(no title)
इस उड़ान पर अब शर्निन्दा, मैं भी हूँ और तू भी है /आसमान से कटा परिंदा, मैं भी हूँ और तू भी है / छूट गयी रस्ते में जीने मरने की सारी रस्में/...
नए ज़माने की कजरी
इन दीदाहवाई घटाओं की कोई दरोगा रबड़ी क्यूँ नहीं घोंट देता? दिल निचोड़े देती हैं. हमारे सब यारों को रोजगार ने इधर उधर कर दिया जानो तकिये की र...
जग से नाता छूटल हो
कौन ठगवा नगरिया लूटल हो चंदन काठ के बनल खटोला ता पर दुलहिन सूतल हो उठो सखी री माँग संवारो दुलहा मो से रूठल हो आये जम राजा पलंग चढ़ि बैठा नैन...
(no title)
lnds ,slh ^tylsok* ds ^, u- th- vks- dh fnu nwuh jkr&pkSxquh c tsEl is=kl vkSj gsujh osYres;j fiNys fnuksa ,d ,sls ^lektlsoh* m|ksxi...
(no title)
उम्र जलवों में बसर हो ये जरूरी तो नहीं/ हर शब गम की सहर हो ये जरूरी तो नहीं/ नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है/ उनकी आगोश में सर हो ये...
दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ
यूँही ही हमेशा जुल्म से उलझती रही है खल्क( जनता) न उनकी रस्म नयी है न अपनी रीत नयी यूँही हमेशा खिलाये है हमने आग में फूल न उनकी हार नयी है ...
Recent Posts
Blog Archive
▼
2010
(12)
►
September
(1)
►
August
(1)
►
July
(1)
►
June
(3)
►
May
(4)
▼
April
(2)
दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ
ये ब्लोग सिर्फ मेरे अपने लिये है तकि मे व्यक्त कर ...
Download
Powered by
Blogger
.
About Me
Sandip Naik
View my complete profile
Followers
Design by
Free WordPress Themes
| Bloggerized by
Lasantha
-
Premium Blogger Themes
|
GreenGeeks Review