Thursday, April 29, 2010

दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ

यूँही ही हमेशा जुल्म से उलझती रही है खल्क( जनता)
न उनकी रस्म नयी है न अपनी रीत नयी
यूँही हमेशा खिलाये है हमने आग में फूल
न उनकी हार नयी है न अपनी जीत नयी
फैज़ अहमद फैज़

ये ब्लोग सिर्फ मेरे अपने लिये है तकि मे व्यक्त कर सकू सारे विचार और अपनी भावनाये.......
उम्मीद करता हू कि जैसा पहले लिखा था वैसे ही अभी भी लिख पाउंगा और कुछ बेहतर कर पाउंगा
आमीन!!!!!!!!!!!!!

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More

 
Design by Free WordPress Themes | Bloggerized by Lasantha - Premium Blogger Themes | GreenGeeks Review